Page 25
भोर होते ही विधुतजिह्वा अपने मूलदीप जाने को
तैयार हो गया . उस बूढ़े दानव का परिवार जिसे रात्रि में विद्युतजिह्वा ने मुक्त
कराया था वो और सारमा विद्युतजिह्वा को विदा कराने के लिए खड़े थे .
“राजकुमार हमारे प्राण रक्षक ! आप शीघ्र वापस
आइयेगा” बूढ़े दानव ने हाथ जोड़ कर कहा
विद्युतजिह्वा ने मुस्कुरा कर सहमति दी और
बोला
“ब्रध्द जन आप समस्त दानव जाती को एकत्र करिए
यहाँ ना रुकिएगा और हा अपनी गतिविधियों का केंद्रबिंदु अपना घर बनाइये”