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Fish swimming from right to left आर्यान : एक अलोकिक योद्धा एक ऐसे योद्धा की कहानी जिसके आगे इंसान तो क्या देवता भी झुक गये. जुड़िये हमारे साथ इस रोमांचित कर देने वाले सफ़र पर .... कहानी प्रारंभ - बदले की भावना शीर्षक से

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Wednesday 4 May 2016

नयन हमारे : सपन तुम्हारे 4

Page 25

भोर होते ही विधुतजिह्वा अपने मूलदीप जाने को तैयार हो गया . उस बूढ़े दानव का परिवार जिसे रात्रि में विद्युतजिह्वा ने मुक्त कराया था वो और सारमा विद्युतजिह्वा को विदा कराने के लिए खड़े थे .
“राजकुमार हमारे प्राण रक्षक ! आप शीघ्र वापस आइयेगा” बूढ़े दानव ने हाथ जोड़ कर कहा
विद्युतजिह्वा ने मुस्कुरा कर सहमति दी और बोला
“ब्रध्द जन आप समस्त दानव जाती को एकत्र करिए यहाँ ना रुकिएगा और हा अपनी गतिविधियों का केंद्रबिंदु अपना घर बनाइये”

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